प्रेस विज्ञप्ति‘प्रोफेसर आयुष्मान ’कॉमिक श्रृंखला पुर्तगाली, अन्य भारतीय भाषा में भी प्रकाशित होगीपंजिम

प्रेस विज्ञप्ति‘प्रोफेसर आयुष्मान ’कॉमिक श्रृंखला पुर्तगाली, अन्य भारतीय भाषा में भी प्रकाशित होगीपंजिम
Panaji / December 10, 2022

(गोवा) 10 दिसंबर: बच्चों में उनके आस-पास दिखने वाले औषधीय गुणों वाले पेड़-पौधों और वनस्पतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के अभिनव प्रयोग के रूप में प्रकाशित की जा रही ‘प्रोफेसर आयुष्मान  ’ शीर्षक कॉमिक-पुस्तक श्रृंखला अगले वर्ष तक पुर्तगाली भाषा में भी प्रकाशित होने लगेगी। इस संबंध में यहां चल रहे विश्व आयुर्वेद महासम्मेलन (डब्ल्यूएसी) के दौरान भारत और ब्राजील के बीच एक समझौता हुआ।   

आयुष मंत्रालय के नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड (एनएमपीबी) के वित्तीय सहयोग से प्रकाशित ‘प्रोफेसर आयुष्मान की वापसी’ श्रृंखला की  पुस्तक अभी हिंदी और अंग्रेजी में आती हैं और इसकी तीसरी कड़ी की पुस्तिका का यहां डब्ल्यूएसी के दौरान विमोचन किया गया। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक एवं एनएमपीबी की मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) ने यहां  बताया कि प्रोफेसर आयुष्मान की वापसी श्रृंखला की 32 पृष्ठों की पुस्तिकाओं को देश की अन्य भाषाओं में भी प्रकाशित करने की योजना है। 

  मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस कॉमिक के पुर्तगाली संस्करण के लिए  इस श्रृंखला की पहली दो पुस्तिका के संपादित किए जाने योग्य संस्करण को ब्राजील सरकार को दिया जा चुका है। लातिनी अमेरिकी देश ब्राजील की राजकीय और राष्ट्रीय भाषा पुर्तगाली है।    ब्राजील के साथ इस संबंध में सहयोग के प्रस्ताव को इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में दूसरे संस्करण के प्रकाशन के बाद मिली थी। ‘प्रोफेसर आयुष्मान की कोविड 19 से लड़ाई’ शीर्षक के दूसरे संस्करण का विमोचन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में ‘वैश्विक आयुष निवेश एवं नवाचार शिखर सम्मेलन, 2022” के उद्घाटन सत्र में किया था। इस उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया था, ‘आयुष्मान आप को जड़ी-बूटियों और औषधीय गुणों वाले पौधों के लाभ के विषय में बतायेंगे।’ 

  प्रकाशन फर्म अमर चित्रकथा प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से तैयार की गयी इस श्रृंखला की पहली पुस्तक प्रोफेसर आयुष्मान सितंबर 2019 में जारी हुई थी। टिंकल पत्रिका के रूप में तैयार की गई श्रृंखला का उद्देश्य बच्चों के बीच औषधीय पौधों के ज्ञान का प्रसार करना है । आयुष मंत्रालय  के अधिकारियों का कहना है कि यह श्रृंखला सभी आयु वर्ग के लोगों  में लोकप्रिय है।   

एनएमपीबी की सीईओ डॉ नेसारी ने कहा, ‘ नयी पीढ़ी अपने आस पास के पेड़-पौधों और वनस्पतियों के औषधीय लाभ के बारे में भूलते जा रहे है। यह पुस्तिका उनकों इसके प्रति पुन: जागरूक करना है। प्रोफेसर आयुष्मान के हर संस्करण में बच्चों को चित्र-कथा के माध्यम से 12-12 वनस्पतियों के गुणों की जानकारी दी जाती है।’   एनएमपीबी की सीईओ ने कहा , "भारत में प्राचीन आरोग्य पद्धतियों के  हमारे साहित्य में 8,500 से अधिक औषधीय पौधों के वर्णन हैं चित्र-कथा के रूप में  हास्य-विनोद के साथ उनकी प्रस्तुति को युवा पीढ़ी ने पसंद किया है।"आयुष मंत्रालय के सचिव श्री राजेश कोटेचा का कहना है कि 'प्रोफेसर आयुष्मान' हर आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया है। वह कहते हैं, "यह पुस्तिका घरों में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले तुलसी और लौंग जैसे औषधीय पौधों और मसालों आदि के बारे  में जागरूकता को बढ़ावा देती है।"इसकी तीसरी कड़ी 'प्रोफेसर आयुष्मान की वापसी शीर्षक ’ में नवीनतम, अदरक , भूमि आंवला, लेमनग्रास, करी पत्ता, हड़जोड़, मेहंदी, काली मिर्च, लौंग, दालचीनी और अडूसा जैसी वनस्पतियों का वर्णन है।

एनएमपीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रृंखला लोगों के बीच " काफी लोकप्रिय" हो रही है।

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