आयुर्वेद सौंदर्य उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार में पहुंच बनाने के लिए प्रामाणिकता महत्वपूर्ण: डब्ल्यूएसी

आयुर्वेद सौंदर्य उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार में पहुंच बनाने के लिए प्रामाणिकता महत्वपूर्ण: डब्ल्यूएसी
Panaji / December 9, 2022

पणजी, 9 दिसंबर:इन दिनों यहां चल रहे विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो में आयुरकॉस्मेटोलॉजीपर हुए एक सत्र में बोलने वाले वक्ताओं के अनुसारआयुर्वेद आधारित सौंदर्य उत्पादों की भारी वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए, जिसका आने वाले वर्ष में तेजी से बढ़ने का अनुमान है,प्रामाणिकता और गुणवत्ता दो महत्वपूर्ण मानदंड हैं।

कड़े नियामक और गुणवत्ता नियम लागू करने की बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को खराब कहने और उपभोक्ताओं को गुमराह करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे भारतीय पारंपरिक वेलनेससिस्टमऔर स्वास्थ्य उपायों की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा।

उन देशों के नियामक प्रणालियों का पालन करना भी जरूरी है जहां भारतीय उत्पादों का बेचा जाता है।

उन्होंने कहा कि हर्बल-आधारित और रसायन-मुक्त आयुर्वेद सौंदर्य प्रसाधनों की दुनिया भर में बड़ी मांग है और उनका इस्तेमाल किया जाता है, जो एक स्वच्छ और स्वस्थ व्यक्तित्व को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से किसी भी तरह के दुष्प्रभावों से रहित उत्पाद हैं और जिन्हें हर कोई पसंद करता है।

भारत के प्रमुख आयुर्वेद संस्थानों के शोधकर्ताओं ने बालों और त्वचा के स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए केस स्टडी और नैदानिक परीक्षणों के आधार पर उनके द्वारा तैयार उत्पादों और उपचार प्रक्रियाओं पर सत्र में प्रस्तुतियां दीं।

एक सत्र का संचालन करते हुए भारती विद्यापीठ के पंचकर्म विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. संतोष चव्हाण ने कहा, "आयुर्वेद अनुसंधान संस्थानों और कॉर्पोरेट क्षेत्र के बीच संबंध को मजबूत करना जरूरी है ताकि प्रमाणित निष्कर्षों के परिणाम लोगों के लाभ के लिए बाजार तक पहुंच सकें।"

नए उत्पादों को विकसित करने और उपचार प्रक्रियाओं को विकसित करते समय आयुर्वेद की शास्त्रीय अवधारणाओं का पालन करना महत्वपूर्ण है, कहार, बेलगावी के डॉ.बीआरतुबाकीने कहा।

अनुसंधान संस्थानों को विद्वानों द्वारा विकसित किए जा रहे उत्पाद योगों और उपचार विधियों की प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए साक्ष्य-आधारित अध्ययनों और नैदानिक परीक्षणों को बढ़ावा देना चाहिए।

इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कि वैश्विक सौंदर्य उत्पादों का बाजार जो 2021 में 3500 करोड़ अमरीकी डॉलर था उसके 2031 तक 5900 करोड़ अमरीकी डॉलर तक तेजी से बढ़ने का अनुमान है, डॉ.स्नेहासुरेंद्रन ने आयुर्वेद और गैर-आयुर्वेद उत्पादों के बीच एक सही सीमारेखा सुनिश्चित करने के लिए नियामक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने पर जोर दिया।

बालों को स्वस्थ रखने के लिए बालों के झड़ने से बचाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार, बालों के रोगों का निपटारा, रूसी को दूर करने  में आयुर्वेदिक तेलों का असर, मेलाज्मा (चेहरे पर भूरे रंग के धब्बे आना) और त्वचा पर आने वाले धब्बों को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक क्रीम की प्रभावकारिता और हर्बलडिओडोरेंट की औषधि, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों मेंनियामक प्रक्रियायों, जैसे कई विषयों पर सत्र में प्रस्तुतियां दी गईं।

'आयुर्वेद हील्स: सक्सेसस्टोरीज' पर एक प्रेजेंटेशनमें, शोधकर्ताओं ने दिल का दौरा पड़ने से संबंधित बीमारियों को ठीक करने में पंचकर्म के महत्व पर प्रकाश डाला।

डॉ. आशा शबरानी के अनुसार, पंचकर्म चिकित्सा के साथ-साथ लंघन चिकित्सा, व्यायाम, जीवन शैली में सुधार और तनावमुक्त रहना, न्यूरोहोर्मोनलएक्टावेशन को रोकने और मायोकार्डियलवॉलस्ट्रेच को कम करने में मदद कर सकता है। यह एनटी-प्रोबीएनपी के स्तर को भी कम करेगा और लंबे समय से दिल के दौरे की बीमारी से ग्रस्त रोगी में मृत्यु दर के संबंध में दीर्घकालिक लाभ होगा।

डॉ. .एम. सिद्दीकी ने कहा कि हार्टफेल्योररिवर्सलथेरेपी (एचएफआरटी) को उन रोगियों के लिए एक शक्तिशाली और व्यवहार्य चिकित्सीय विकल्प के रूप में पाया गया है, जिनको दिल का दौरा पड़ा है

गुरुवार को नौवीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) यहां शुरू हुई।

 

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