एमपीईडीए ने चेन्नई और विशाखपत्तनम में भारत-यूके सीईटीए पर समुद्री क्षेत्र के हितधारक जागरूकता बैठकें आयोजित कीं
Kochi / October 18, 2025
कोच्चि, 18 अक्टूबर:एमपीईडीए के अध्यक्ष डी.वी. स्वामी, भाप्रसे ने कहा कि हाल ही में हस्ताक्षरित भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) भारत के समुद्री निर्यात क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इसके द्वारा प्रदान किए जानेवाले अवसरों, जैसे मूल्यवर्धन और कौशल संवर्धन, का लाभ उठाने के लिए रणनीतियाँ अपनाना आवश्यक है।
श्री स्वामी ने क्रमशः 16 और 17 अक्टूबर को चेन्नई और विशाखापत्तनम में समुद्री क्षेत्र के लिए समझौते के लाभों और अवसरों पर समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) की हितधारक जागरूकता बैठकों में इस मुद्दे पर प्रकाश डाला।
एमपीईडीए के संयुक्त निदेशक श्री अनिल कुमार पी. ने सीईटीए की मुख्य विशेषताओं और समुद्री उत्पाद निर्यात क्षेत्र के लिए अवसरों पर प्रस्तुति दी।
चेन्नई में आयोजित एक बैठक में, एमपीईजेड-एसईजेड विकास आयुक्त श्री एलेक्स पॉल मेनन ने तमिलनाडु में मरीन एक्वापार्क एसईजेड विकसित करने की संभावनाओं पर चर्चा की। हितधारकों ने भारत के समुद्री उत्पाद निर्यात क्षेत्र के अवसरों पर अपने विचार साझा किए।
इस समझौते के अनुसार, 99 प्रतिशत टैरिफ लाइनों को अब शून्य-शुल्क पहुँच प्राप्त होगी, जिससे यूके के बाजार में भारतीय समुद्री खाद्य पदार्थों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। प्रमुख निर्यात वस्तुएँ, जैसे वन्नामेई श्रिंप, प्रशीतित स्क्विड, लॉबस्टर, प्रशीतित पॉमफ्रेट और ब्लैक टाइगर श्रिंप, शुल्क-मुक्त पहुँच से लाभान्वित होंगे।
एमपीईडीए टीम के अध्यक्ष के नेतृत्व में चेन्नई में आयोजित बैठकों में, श्री देवसेनापति, सचिव, तटीय जलकृषि प्राधिकरण (सीएए); श्री प्रवीण कुमार, निदेशक, वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (एमओसीआई); डॉ. राम मोहन एम.के., निदेशक, एमपीईडीए; सुश्री सुनंदा तिवारी, प्रोफेसर और व्यापार एवं निवेश कानून प्रमुख, सीटीआईएल; और डॉ. नीलेश अनिल पवार, उप निदेशक, मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार आदि ने भाग लिया।
एसईएआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, श्री के.वी. वी. मोहनन; चेन्नई से ईआईए प्रतिनिधि; तथा तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के नेल्लोर क्षेत्र के 55 समुद्री खाद्य निर्यातक भी उपस्थित थे।
एमपीईडीए अध्यक्ष की अध्यक्षता में विशाखापत्तनम में आयोजित हितधारकों की बैठक में श्री प्रवीण कुमार, निदेशक, वाणिज्य विभाग, एमओसीआई, श्री एस. किशोर भाप्रसे (सेवानिवृत्त), डॉ. राम मोहन एम.के., निदेशक, एमपीईडीए; श्री जी.पवन कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईएआई); श्री कोंड्रागुंडा आनंद कुमार, क्षेत्रीय अध्यक्ष, एसईएआई, आंध्र प्रदेश; निर्यात निरीक्षण एजेंसी (ईआईए), विशाखापत्तनम के प्रतिनिधि और आंध्र प्रदेश और ओडिशा के 37 निर्यातक शामिल हुए।
भारत ने 2024-25 में 7.45 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात किया, जिनमें श्रिंप, मछली और कटलफिश शीर्ष श्रेणियों में शामिल थे। 2024-25 में यूके को निर्यात 16,082 मीट्रिक टन था जिसका मूल्य 104.43 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
भारतीय प्रशीतितसमुद्री खाद्य की यूके में उच्च मांग है, जो बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों और प्रसंस्कृत समुद्री खाद्यविशेष रूप से श्रिंप, मछली और स्क्विड की मांग के कारण है। यूके को कुल निर्यात में प्रशीतितश्रिंप का योगदान 77% रहा, जिसका निर्यात मूल्य 80.05 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। इसके बाद प्रशीतित मछली का स्थान रहा, जिसका कुल निर्यात में आठ प्रतिशत योगदान रहा, जिसका निर्यात मूल्य 2024-25 में 8.35 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
इस वर्ष जुलाई में हस्ताक्षरित एक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते, भारत-यूके सीईटीए, से आने वाले वर्षों में यूके को भारतीय निर्यात को दोगुना करने में मदद मिलने की उम्मीद है, और यह भारतीय समुद्री खाद्य पदार्थों की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ाएगा, मूल्य वर्धन को बढ़ाएगा, कौशल विकास करेगा और कुशल श्रमिकों के लिए बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करेगा। यह समझौता आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, नवाचार और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
समाप्त