भारत ने विश्व व्यापार संगठन में जलीय कृषि करने वाले किसानों के हितों की रक्षा कीः मंत्री गोयल

वक्ताओं ने कहास्वर्ण जयंती वर्ष में,समुद्री भोजन की खपत में वृद्धि एमपीईडीए के भविष्य को उज्ज्वल करेगी
Kochi / August 25, 2022

कोच्चि, 25 अगस्तः केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने विश्व व्यापार संगठन की अंतिम दौर की चर्चाओं में भी देश के जलीय कृषि करने वाले किसानों के हितों की रक्षा की है।

श्री गोयल ने कल शाम यहां केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल द्वारा उद्घाटन किए गए समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) के स्वर्ण जयंती समारोह में बोलते हुए कहा कि भारत 2025 तक एक लाख करोड़ रुपये के समुद्री निर्यात को साकार करने की दिशा में काम कर रहा है।

कोच्ची में बोलगट्टी आईलैंड के ग्रैंड हयात होटल में दो घंटे तक चले इस समारोह में अपने वीडियो भाषण में, श्री गोयल ने देश के समुद्री संसाधनों के व्यापक विकास के लिए चार प्रस्ताव रखे। पहला है - “उन वस्तुओं के लिए जिनका निर्यात में 90 प्रतिशत योगदान है, उन्हे 20 बाजारों को चिह्नित करें, दूसरा है - राज्य प्रशासन के परामर्श से प्रत्येक राज्य के अनुसार निर्यात विकास योजनाएं तैयार करें, तीसरा है - अगले पांच वर्षों में 20 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखें और चौथा, मछुआरों के लिए उनके जोखिम को कम करके, उनमें जागरूकता पैदा करके, उनकी आय में वृद्धि करने हेतु उन्हें बिचौलियों से बचाते हुए, उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाएं।"  श्रीमती पटेल ने एमपीईडीए के 50 साल पूरे होने के अवसर पर एक कॉफी-टेबल बुक ‘लेगासी’ का विमोचन भी किया।

भारत को वैश्विक रैंकिंग में पिछले दशक के दौरान 13वें से चौथे स्थान पर लाने में सक्षम बनाने में एमपीईडीए की भूमिका की सराहना करते हुए श्री गोयल ने कहा कि देश में "अगले कुछ वर्षों में" झींगा उत्पादन करने वाले दो लाख किसानों को जोड़ने की क्षमता है। इससे इसका उत्पादन वर्तमान 40,000 टन से बढ़कर सात लाख टन हो जाएगा, जो आज के उत्पादन का लगभग 18 गुना है।

मंत्री श्रीमती पटेल ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि समुद्री निर्यात से भारत की आय तीन साल के भीतर एक लाख करोड़ रुपये हो जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर तेज कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, "हम विदेशों में अपने दूतावासों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है समुद्री उत्पादों के क्षेत्र में वैश्विक निर्यात में 10 प्रतिशत का योगदान करना।"

इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कि कोविड के बाद समुद्री उत्पादों के निरीक्षण को लेकर सभी विदेशी बाजार कड़े नियमों का पालन कर रहे हैं, श्रीमती पटेलने कहा कि यह जापान में वेन्नामी झींगा के लिए 100 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्पादों में एंटीबायोटिक दवाओं की उपस्थिति यूरोपीय संघ के देशों, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया और थाईलैंड में एक प्रमुख मुद्दा है।

श्रीमती पटेल ने कहा कि एमपीईडीए ऐसे मुद्दों को सुलझाने के लिए अपनी रचनात्मक कार्यनीति के हिस्से के तहत टॉप-रेट चेकिंग प्रणाली अपना रहा है।

यह देखते हुए कि बढ़ती घरेलू खपत और दुनिया भर में बढ़ती मांग के कारण,समुद्री भोजन के लिए भविष्य ‘बहुत उज्ज्वल’ है,  श्रीमती पटेल ने कहा, यह स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक लाभदायक होता है। "इसीलिए दुनिया की आबादी का रुझान समुद्री भोजन के सेवन की ओर बढ़ रहा है," उन्होंने कहा।

सांसद, श्री हिबी ईडन, ने कहा कि समुद्री उत्पाद भारत के निर्यात में शानदार योगदान देते हैं, देश के मछली श्रमिकों,जो समुद्री क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, की आजीविका को बेहतर करने में सहायक होते हैं।

एमपीईडीए के अध्यक्ष श्री डोड्डा वेंकट स्वामी ने समारोह में उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि संगठन एक श्रृंखला बनाने के लिए समन्वित प्रयास कर रहा है जो समुद्री भोजन की स्थिरता औरउच्च गुणवत्ता की गारंटी देगा।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस उत्सव के साथ, बुधवार के कार्यक्रम को एमपीईडीए के पूर्व प्रमुख श्री टी.के.ए. नायर (पूर्व प्रधान सचिव और प्रधान मंत्री के सलाहकार), श्री के.बी. पिल्लई और सुश्री लीना नायर, केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री पॉल एंटनी (केरल के पूर्व मुख्य सचिव), एमपीईडीए के पूर्व अध्यक्ष ए जयतिलक (अतिरिक्त मुख्य सचिव) और भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातक संघ (एसईएआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश फोफंडी ने संबोधित किया।

समारोह में सात श्रेणियों के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन (2019-20 और 2020-21) के लिए एमपीईडीए निर्यात पुरस्कारों का वितरण भी किया गया। ये ऑफ़लाइन चयन तरीके के आधार पर समुद्री उत्पादों के सर्वश्रेष्ठ निर्माता निर्यातकों को दिए गए।

इसके बाद एमपीईडीए के सदस्यों और उनके परिवार द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

1972 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक वैधानिक निकाय के रूप में आरंभ किया गया, एमपीईडीए अपनी महत्वपूर्ण मौजूदगी की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत का समुद्री निर्यात जो इसके स्थापना वर्ष के दौरान केवल 35,523 टन था, वह आज 1.4 मिलियन टन (57,586 करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है। और दुनिया भर से समुद्री भोजन के शौकीन लोगरुचिकर उत्पादों पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगा रहे हैं।

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