आयुष में आईटी समाधानों पर राष्ट्रीय कार्यशाला गुरुवार को कुमारकोम में शुरू होगी

आयुष के लिए केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की रूपरेखा तैयार करने हेतु दो दिवसीय कार्यशाला
Kottayam / September 17, 2025

कोट्टायम, 17 सितंबर: आयुष स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को मुख्यधारा में लाने और उन्हें वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के भारत के नए प्रयासों को और गति मिलेगी, क्योंकि गुरुवार से केरल, कुमारकोम में आयुष में आईटी समाधानों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।

यह कार्यशाला इस क्षेत्र में जानकारी साझा करने और नागरिक-केंद्रित सेवाओं के वितरण के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की रूपरेखा तैयार करेगी। इसका उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य सेवाओं की संपूर्ण श्रृंखला को एक इंटरऑपरेबल डिजीटल प्लेटफॉर्म (एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो विभिन्न प्राणालियों को आपस में संवाद करने व सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में मदद करता है) पर एकीकृत करना है।

आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में, केरल सरकार के आयुष विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय आयुष मिशन, केरल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम आयुष के लिए एक व्यापक डिजिटल ढांचा विकसित करने की दिशा में स्पष्ट रूप से परिभाषित चर्चाओं और सहपाठियों के साथ सीखने को सुगम बनाएगा।

केरल की स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती वीना जॉर्ज गुरुवार सुबह 10 बजे केटीडीसी वाटरस्केप्स में कार्यशाला का उद्घाटन करेंगी।

केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, केरल के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) श्री राजन खोबरागड़े की अध्यक्षता में उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे। आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती कविता जैन विशेष संबोधन देंगी।

यह आयोजन आयुष मंत्रालय के गठन के दसवें वर्ष में हो रहा है, जिसका उद्देश्य आयुष के दायरे में भारत के जांचे-परखे आयुर्वेद के साथ-साथ अन्य वैकल्पिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मुख्यधारा में लाना और वैश्विक स्तर पर पहुंचाना है।

कार्यशाला में भाग लेने वाले 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि राष्ट्रीय स्तर के आयुष डिजिटल स्वास्थ्य के लिए रोडमैप तैयार करेंगे।

आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कार्यशालाओं का नेतृत्व करेंगे जिनमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री और प्रशासक, राज्य आयुष विभागों के मिशन निदेशक और प्रमुख अधिकारी, केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर आयुष के आईटी प्रभागों के तकनीकी कर्मचारी और डिजिटल स्वास्थ्य एवं ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म के विशेषज्ञ भाग लेंगे।

विचार-विमर्श में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आईटी नवाचारों को प्रदर्शित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आयुष ग्रिड टीम द्वारा केंद्र सरकार के आईटी समाधानों पर दिशा-निर्देश प्रदान करने के अलावा, प्रतिभागी कार्यक्रम प्रबंधन, रोगी देखभाल, निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली, मानव संसाधन और डेटा प्रबंधन, और वित्तीय ट्रैकिंग तंत्र जैसे क्षेत्रों का परीक्षण करेंगे।

कार्यशाला से आईटी-सक्षम आयुष सेवाओं पर एक समेकित राष्ट्रीय जानकारी साझाकरण मंच की स्थापना सहित कई परिणाम प्राप्त होने की उम्मीद है।

आयुष डिजिटल प्रणालियों को राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र और अन्य अखिल भारतीय ई-स्वास्थ्य पहलों के साथ संरेखित करने के लिए सिफारिशें की जाएंगी।

कार्यशाला के बाद, केरल के कोट्टायम, अलप्पुझा और त्रिशूर जिलों में स्थित आयुष सुविधाओं का दो दिवसीय क्षेत्रीय दौरा (20 और 21 सितंबर को) होगा। प्रतिभागी आयुष सेवा वितरण के विविध मॉडलों के साथ-साथ खेल आयुर्वेद परियोजना और आरोग्यानुका, उपशामक देखभाल, दृष्टि और आयुर्कर्म जैसी पहलों का अवलोकन करेंगे।

यह आयोजन हाल ही में नीति आयोग द्वारा मुख्य सचिवों की एक बैठक के बाद हो रहा है, जिसमें आयुष सेवाओं के वितरण को व्यापक और तीव्र बनाने के उद्देश्य से विषय-विशिष्ट कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की गई थी। दिल्ली में 3 और 4 सितंबर को हुई विचार-विमर्श में एक प्रमुख विषय ‘नेशनल आयुश मिशन एंड स्टेट्स कैपेसिटी बिल्डिंग’ ("राष्ट्रीय आयुष मिशन और राज्यों का क्षमता निर्माण") था।

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