डब्लूएसी 2024 में प्रतिनिधि ने कहा, आयुर्वेद ने इजराइल में काफी लोकप्रियता हासिल की है

Dehradun / December 14, 2024

देहरादून, 14 दिसंबर: राजनीतिक अशांति ने उनके देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को तहस-नहस कर दिया है, लेकिन इसने इजराइली आयुर्वेद चिकित्सक श्रीमती शनि अरियाव को वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस (विश्व आयुर्वेद कांग्रेस-डब्ल्यूएसी)  के 10वें संस्करण और आरोग्य एक्सपो में भाग लेने से नहीं रोका है, ताकि उनके देश में काफी लोकप्रियता हासिल करने वाली पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में उभरती संभावनाओं का पता लगाया जा सके।

वास्तव में, उन्होंने यहां परेड ग्राउंड में चार दिवसीय कार्यक्रम के खरीदार-विक्रेता खंड (बायर-सेलर सेगमेंट) में दो भारतीय कंपनियों के साथ समझौते किए हैं। उन्होंने दक्षिण भारत के एक आयुर्वेद कॉलेज के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए।

उन्होंने बताया, “मैं आयुष विभाग के माध्यम से भारत में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के साथ सहभागिता करना चाहती हूं। मंगलुरु स्थित ‘ईजी आयुर्वेद’ के साथ जल्दी ही टाई-अप किया जाएगा।”

तीन बच्चों की मां श्रीमती अरियाव पिछले 20 वर्षों से आयुर्वेद पद्धति का उपयोग कर रही हैं। वह इजराइल के प्राण वेद आयुर्वेदिक स्कूल की अकादमिक निदेशक भी हैं।

श्रीमती अरियाव ने कहा कि उनके देश में राजनीतिक संघर्ष ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सहित हर चीज पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग यह महसूस करते हैं कि आयुर्वेद एक असरदार उपचार प्रणाली है और आयुर्वेद की पैठ को मजबूत करने के लिए भारतीय दूतावास की मदद से इजराइल में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

पुणे के एक प्रतिष्ठित संस्थान से छात्रवृत्ति प्राप्त श्रीमती अरियाव योग विशेषज्ञ भी हैं।

12-15 दिसंबर के कार्यक्रम के खरीदार-विक्रेता सम्मेलन में रूस, उज्बेकिस्तान, मॉरीशस, वियतनाम, श्रीलंका, बांग्लादेश, अमेरिका, कनाडा, नेपाल, भूटान, तिब्बत, युगांडा और घाना जैसे देशों के विदेशी प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

घाना के एक फार्मेसी मालिक श्री क्वाकू दुआ ने कहा कि वह चीन की तुलना में भारत से हर्बल दवाएं आयात करना पसंद करते हैं।

 

उनके अनुसार, भारत की दवाएं रसायन-रहित हैं और आयुर्वेद औषधीय प्रणाली धीरे-धीरे घाना में लोकप्रिय हो रही है। भारत में अपने भाई के सफल किडनी उपचार का हवाला देते हुए, श्री दुआ ने कहा कि उन्हें डब्ल्यूएसी 2024 की अपनी यात्रा के दौरान आयुर्वेद को और अधिक जानने का अवसर मिला।

12 से15 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य विषय ''डिजिटल स्वास्थ्य, एन आयुर्वेद पर्सपेक्टिव' है, जिसमें आयुर्वेद से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से समाधान प्रदान करने और पुनर्गठित करने के लिए नई तकनीकों का लाभ उठाने पर गहन विचार-विमर्श के लिए मंच तैयार किया गया है।

आयुर्वेद चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, प्रशासकों, राजनयिकों, शिक्षकों और छात्रों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, द्विवार्षिक कार्यक्रम विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन (WAF) द्वारा आयोजित किया जाता है, जो विज्ञान भारती, उत्तराखंड सरकार और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है।

इस कार्यक्रम में 9000 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें 58 देशों के लगभग 320  विदेशी प्रतिनिधि शामिल हैं।

 

 

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