डब्ल्यूएसी आरोग्य एक्सपो में आयुर्वेद में नवाचार मुख्य आकर्षण चार दिवसीय सम्मेलन में आकर्षक उत्पाद और साधन प्रदर्शित

Dehradun / December 13, 2024

देहरादून, 13 दिसंबर: हर्बल स्मोक से लेकर पोर्टेबल पल्स मॉनिटरिंग डिवाइस तक, अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर विकसित किए गए उत्पाद और साधन (उपाय) आरोग्य एक्सपो के मुख्य आकर्षण हैं, जो आज यहां परेड ग्राउंड में शुरू हुए विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (WAC (डब्ल्यूएसी) 2024) के 10वें संस्करण का मुख्य आयोजन है।

स्टार्टअप द्वारा विकसित एक और आकर्षक उत्पाद प्राचीन दवाओं के व्यावसायीकरण के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके व्यापक आयुर्वेद पुस्तकों का संकलन है।

‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत पंजीकृत चेन्नई स्थित स्टार्टअप ‘नैनोलाइफ’ ने पौधों के अर्क, ‘रजत भस्म’ (चांदी के नैनो कण) और ‘स्वर्ण भस्म’ (सोने के नैनो कण) का उपयोग करके माउथवॉश और अन्य उत्पाद विकसित करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया है।

ग्रीन नैनोटेक्नोलॉजी से प्राप्त चांदी के नैनो कणों (सिल्वर नैनोकण) में शक्तिशाली रोगाणुरोधी गुण होते हैं, जिनमें कोई विषाक्तता नहीं होती है और वे हानिकारक रोगाणुओं को नष्ट कर सकते हैं। सोने के नैनो कण (गोल्ड नैनोकण) अपने सूजनरोधी, प्रतिरक्षा-नियंत्रण और कायाकल्प गुणों के लिए जाने जाते हैं।

नैनोलाइफ के सीईओ अक्षित परमार ने कहा कि एआई का उपयोग करके वे व्यापक आयुर्वेद पुस्तकों का संकलन कर रहे हैं, ताकि यह पता चल सके कि सोना और चांदी अपने नैनो रूप में और क्या कर सकते हैं। 

उन्होंने बताया, "तंबाकू उपयोगकर्ताओं पर किए गए माउथवॉश के हमारे नैदानिक परीक्षणों में महत्वपूर्ण परिणाम मिले हैं। दवा निर्माण की प्रक्रिया में, हम हल्दी, आंवला और अन्य सामग्रियों के साथ सोने के नैनो कणों को मिला रहे हैं।"

उनके अनुसार, आरोग्य एक्सपो उनकी कंपनी के लिए स्वास्थ्य सेवा में नए सहयोग की तलाश करने और आयुर्वेद क्षेत्र में विभिन्न उत्पाद खंडों को समझने का एक प्लेटफॉर्म है।

श्री परमार ने कहा कि आयुर्वेद उत्पादों की व्हाइट लेबलिंग (किसी कंपनी द्वारा बनाए गए उत्पाद को पैक करके दूसरी कंपनी को बेचना) के लिए उनका नीदरलैंड स्थित डॉ. नेटिव के साथ टाई-अप है।

कंपनी ने ‘नाड़ी तरंगिनी’ नामक एक पल्स मॉनिटरिंग नाड़ी (तंत्रिका) डिवाइस प्रदर्शित की है जो आंतरिक स्वास्थ्य और चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को सटीक रूप से मापती है। यह एक एक पेटेंट डिवाइस, जो मरीज का नाड़ी परीक्षण करते हुए एक रिपोर्ट तैयार करती है जिसके आधार पर चिकित्सक योग और आहार पर सुझाव देता है। मरीज को दुबारा बुलाने पर उसकी रिपोर्ट जांची जाती है ताकि यह देखा जा सके कि उसकी सेहत में कितना सुधार हुआ है। इसका उपयोग आयुर्वेद क्लीनिक, वेलनेस सेंटर, जिम और योग सेंटर और आयुर्वेद के कॉलेजों में किया जा सकता है।

नाड़ी परीक्षण (रीडिंग) उपकरण को भारतीय चिकित्सा पद्धति के राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम-NCISM) द्वारा अनुमोदित किया गया है और इसे इस वर्ष देश भर के प्रत्येक आयुर्वेद कॉलेजों में रखना अनिवार्य कर दिया गया है। कंपनी पहले ही 20 से अधिक कॉलेजों में इसे भिजवा चुकी है। यह उपकरण वात, पित्त और कफ ग्राफ सहित 22 नाड़ी मापदंडों पर रिपोर्ट देता है।

एक्सपो में स्वास्थ्य सेवा और वेलनेस उत्पादों में, आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा ‘एनबायोटिक’ पोल्ट्री के लिए है। यह प्रीबायोटिक और आवश्यक तेलों से युक्त एक पॉलीहर्बल फॉर्मूलेशन है जोआंत को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जिससे पोल्ट्री के स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार होता है।

आयुष मंत्रालय ने भी एक लाख वर्ग फुट के विशाल एक्सपो स्थल पर एक स्टॉल लगाया है, जहां प्रमुख हितधारकों ने डिजिटल तकनीक का लाभ उठाकर अपने बड़े-बड़े स्टॉल लगाए हैं।

एक्सपो में ‘निर्दोष हर्बल स्मोक’ भी शामिल है, जो तुलसी, हल्दी, दालचीनी, बेडेलियम, अजवाइन, तेंदू पत्ता और अन्य जड़ी-बूटियों जैसे तत्वों से बना तंबाकू और निकोटीन मुक्त है। इसके हर्बल सिगार में प्राकृतिक तत्वों से भरा मकई का छिलका भरा हुआ है।

आयुर्वेद फार्मा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य प्रमुख स्टॉल में आर्य वैद्य शाला, कोट्टक्कल; वैद्यरत्नम औषधशाला; आर्य वैद्य फार्मेसी, कोयंबटूर; श्रीधर्यम; औषधि; और नागार्जुन शामिल हैं।

 केरल स्थित ‘स्टेलाइट ऑटोमेशन’ और नागपुर स्थित ‘सहस्त्रवेद’ ने आयुर्वेद उपचार के लिए अनोखे उपकरण प्रदर्शित किए हैं। प्रतिनिधि स्टॉल पर जा रहे हैं, जहां प्रामाणिक और पारंपरिक आयुर्वेदिक उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध हैं।

आरोग्य एक्सपो भारत और विदेशों में अग्रणी आयुर्वेदिक संस्थानों के उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन कर रहा है। 350 से अधिक स्टॉल पर 150,000 आगंतुकों के आने की उम्मीद है।

चार दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य विषय 'डिजिटल स्वास्थ्य, एन आयुर्वेद पर्सपेक्टिव' है, जिसमें आयुर्वेद से संबंधित अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से समाधान प्रदान करने और पुनर्गठित करने के लिए नई तकनीकों का लाभ उठाने पर गहन विचार-विमर्श के लिए मंच तैयार किया जाएगा।

आयुर्वेद चिकित्सकों, शोधकर्ताओं, प्रशासकों, राजनयिकों, शिक्षकों और छात्रों का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, द्विवार्षिक कार्यक्रम विश्व आयुर्वेद फाउंडेशन (WAF) द्वारा आयोजित किया जाता है, जो विज्ञान भारती की एक पहल है। इस मेगा-इवेंट में डब्ल्यूएएफ के साथ आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखंड की सरकारें और कुछ अन्य राज्य सरकारें, और प्रमुख आयुर्वेदिक संस्थान और प्रतिष्ठान भागीदार हैं।

 

 इस कार्यक्रम में 5500 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जिनमें 54 देशों के लगभग 350 विदेशी प्रतिनिधि शामिल हैं। 

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