जादूगर मुथुकड़ की ‘समावेशी भारत’ यात्रा का समापन राजधानी में होगा

New Delhi / December 2, 2024

नई दिल्ली, 2 दिसंबर: कल अपने दो महीने के देशव्यापी दौरे के भव्य समापन पर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित जादूगर गोपीनाथ मुथुकड़ ‘समावेशी भारत’ अभियान के ‘सामाजिक सुधार के लिए जादू’ के संदेश के साथ आखिरी शो के लिए तैयार हैं।

जनपथ रोड पर डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में 3 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम में मंत्रियों और अन्य सांसदों के अलावा शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों की जानी-मानी हस्तियां भी शामिल होंगी। शाम 6 बजे आरंभ होने वाले इस शो में 40-स्टॉप अभियान का समापन होगा, जिसमें जादूगरी-आधारित जागरूकता करतबों की एक अग्रणी श्रृंखला होगी, जो ‘दिव्यांग लोगों के सामाजिक समावेश’ का मूल संदेश देगी।

कन्याकुमारी से 6 अक्टूबर को शुरू हुए इस अनोखे शो में कई अनोखे करतबों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इसके बावजूद वे करतब मुथुकड़ के अग्रणी मैजिक प्लैनेट की भावना से लगातार जुड़े हुए हैं, जो दुनिया का पहला ऐसा थीम पार्क है जो सार्वजनिक उन्मुख कला रूपों और स्ट्रीट आर्टिस्ट को संरक्षण देता है। अपनी इस यात्रा के दौरान मुथुकड़ देश के अनेक शहरों में शो किए और इस प्रक्रिया में मैजिक प्लैनेट के दशकों पुराने लक्ष्यों की भावना को मजबूत किया: इसका लक्ष्य लोगों को जादू के करतबों से परिचित कराना, सड़क पर प्रदर्शित किए जाने वाले करतबों को पुनर्जीवित करना और हाशिए पर पड़े लोगों को सशक्त बनाने के लिए इस कला का उपयोग करना है।

कल की चरम प्रस्तुति में केरल के मत्स्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री रामदास अठावले और सांसद श्री शशि थरूर शामिल होंगे

जादू के क्षेत्र में ऑस्कर माने जाने वाले प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय मर्लिन पुरस्कार के विजेता मुथुकड़ ने ‘समावेशी भारत’ के लिए अपना पांचवां अभियान शुरू किया, जिसमें जादू का इस्तेमाल कर सामाजिक संदेश फैलाए गए। उन्होंने देश के कोने-कोने में यात्रा की। प्रायद्वीप के दक्षिणी सिरे से शुरू होकर यह यात्रा मध्य मैदानी क्षेत्रों, पूर्वी भारत के पहाड़ी हिस्सा, पश्चिम में गुजरात और उत्तर में जम्मू-कश्मीर से होते हुए राष्ट्रीय राजधानी में समाप्त हुई।

शो ने हमेशा बौद्धिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए उनका समर्थन करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही सांप्रदायिकता और आतंकवाद के खिलाफ काम करने के अलावा राष्ट्रीय एकीकरण और सदियों पुराने मूल्यों जैसे सामाजिक रूप से प्रासंगिक संदेशों को फैलाने के लिए उन्होंने जादू को एक कला के रूप में पेश किया। दीप जलाकर, अभियान ने दिव्यांगजनों के लिए समान अवसरों के लाभों और जीवन के प्रति उत्साह की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

वह डिफरेंट आर्ट सेंटर (डीएसी) नामक एक गैर सरकारी संगठन के संचालक हैं, जो इस मिशन को चलाता है, जिसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत केंद्र सरकार के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) से गैर-वित्तीय सहायता प्राप्त है। इसने सभी राज्यों को कवर किया, मुख्य भूमि पर कुल 40 कार्यक्रमों के साथ अभियान चलाया, जिसमें उद्घाटन और समापन शामिल है। जबकि 6 अक्टूबर विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस है, 3 दिसंबर को जिस दिन समापन होगा उस दिन अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस है।

‘समावेशी भारत’, जिसे 5 अक्टूबर को तिरुवनंतपुरम से हरी झंडी दिखाई गई थी, का केरल स्तर पर उद्घाटन 22 सितंबर (अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस) को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा किया गया था और 28 सितंबर को चेन्नई में एक कर्टेन रेजर कार्यक्रम (तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन मुख्य अतिथि के रूप में) के अलावा 2 अक्टूबर (गांधी जयंती) को लक्षद्वीप में एक प्री-लॉन्च कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

पूरे अभियान के दौरान मुथुकड़ ने अनोखे जादू के शो दिखाए, जिनमें दिव्यांग व्यक्तियों के समावेश के लिए एक शक्तिशाली सामाजिक संदेश समाहित था। प्रत्येक कार्यक्रम का आयोजन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) के क्षेत्रीय संस्थान या केंद्र के सहयोग से किया गया था। इसका उद्देश्य केवल दिव्यांग बच्चों के लिए समान अवसर बनाने की संभावनाओं के बारे में जानकारी फैलाना नहीं है, बल्कि ऐसे अवसरों की आवश्यकता के बारे में भी है, जो उनकी विशेष प्रतिभा को अभिव्यक्त कर सकें, ताकि उनका आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान बढ़े। यह सब, जादू के असीम मनोरंजन मूल्य के प्रभावी उपयोग के माध्यम से करते हैं।

केरल के 60 वर्षीय मुथुकाड तिरुवनंतपुरम में रहते हैं और पांच साल पहले स्थापित डीएसी के कार्यकारी निदेशक हैं। मालाबार में जन्मे जादूगर के क्षेत्र में नवाचारों की श्रृंखला ने उन्हें अमेरिका की इंटरनेशनल मैजिशियन सोसाइटी द्वारा स्थापित 2011 मर्लिन पुरस्कार दिलाया। 1995 में, वे महान हैरी हुडिनी (1874-1926) की आश्चर्यजनक शैली में भागने का करतब दिखाने वाले दुनिया के पहले जादूगर बन गए।

मुथुकड़ के डीएसी की शुरुआत 2019 में दिव्यांग बच्चों के लिए ‘मैजिक ट्रेनिंग’ (जादू प्रशिक्षण) के एक अभिनव कार्यक्रम को विकसित और कार्यान्वित करके हुई थी, एनजीओ विशेष जरूरतों वाले प्रशिक्षित जादूगरों के लिए पेशेवर प्रदर्शन प्लेटफॉर्मों की सुविधा प्रदान करने में अग्रणी के रूप में उभरा है।

मुथुकड़ के इसी तरह के पहले के मिशन ‘विस्मय भारत यात्रा’ (2002), ‘गांधी मंत्र’ (2005), ‘विस्मय स्वराज यात्रा’ (2007) और ‘मिशन इंडिया’ (2010) रहे हैं। मुथुकड़ ने जादू में अपने योगदान और समाज के लाभ के लिए कला को नियोजित करने के लिए राज्य सरकार का प्रतिष्ठित केरलश्री नागरिक पुरस्कार जीता।

मुख्य करतबों में ‘मन पढ़ना’, ‘समय यात्रा’ और जादू की भाषा में ‘यहां से वहां करना’ पर आधारित करतब शामिल थे। प्रस्तुति का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसमें अमिताभ बच्चन स्क्रीन पर सांकेतिक भाषा में संवादों के साथ दिखाई दिए।

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