गुजरात ने मैनहोल साफ करने के लिए 9 और बैंडिकूट रोबोट इस्तेमाल करते हुए मैनुअल स्कैवेंजिंग को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाया

Gandhinagar / October 25, 2024

गांधीनगर, 25 अक्टूबर: मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से मैला उठाने) को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, गुजरात शहरी विकास मिशन (जीयूडीएम) ने राज्य के तीन प्रमुख शहरों में कोल इंडिया द्वारा समर्थित 9 अतिरिक्त बैंडिकूट रोबोट का प्रयोग करना शुरू किया है। पहले से उपलब्ध 6 बैंडिकूट रोबोट की सफलता के आधार पर, अहमदाबाद में 4, सूरत में 3 और गांधीनगर में 2 रोबोट उपलब्ध कराए गए हैं। यह खतरनाक मैनहोल सफाई को स्वचालित करने और सफाई कर्मचारियों को जानलेवा सीवर स्थितियों से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मैनुअल स्कैवेंजर के रूप में रोजगार के निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम (पीईएमएसआर) 2013 के बावजूद इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद,  मैनुअल स्कैवेंजिंग पूरे भारत में एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। गुजरात, जिसकी 42.6% आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है, सबसे अधिक शहरीकृत राज्यों में से एक है, जिसके कारण वहां कुशल सीवेज प्रबंधन होने एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। लेकिन मैनहोल की हाथ से सफाई करना सफाई कर्मचारियों के लिए खतरनाक, जानलेवा और अमानवीय काम है। बैंडिकूट रोबोट पेश करके, गुजरात न केवल इस समस्या का समाधान कर रहा है, बल्कि एक सुरक्षित, अधिक सम्मानजनक विकल्प भी पेश कर रहा है।

एक सुरक्षित समाधान प्रदान करने के अलावा, बैंडिकूट रोबोट पहल में सफाई कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं, जिससे वे रोबोट को स्वयं संचालित कर सकें। यह न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि उन्हें बेहतर आजीविका के अवसर भी प्रदान करता है। बैंडिकूट रोबोट के यूजर (उपयोगकर्ता) इंटरफेस को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि उसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सके। इसमें चित्रमय निरूपण (ग्राफ़िकल रिपरेसेंटेशंस) का उपयोग किया गया है ताकि ऐसे कर्मचारी जो भाषा में ठीक से दक्ष नहीं हैं, वे भी इसे संचालित कर सकें। इसके अतिरिक्त, रोबोट, श्रमिकों की सहायता करने के लिए इनबिल्ट लर्निंग सॉफ़्टवेयर से लैस है, जो संचालन के दौरान मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करता है।

कोल इंडिया लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशक श्री पूनम मकवाना ने इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "कोल इंडिया स्वच्छता मानकों को बेहतर बनाने के गुजरात के प्रयासों के साथ स्वच्छ तकनीक प्रगति का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। आधुनिक तकनीक को पेश करने के अलावा, हमारा लक्ष्य मैनुअल स्कैवेंजिंग से प्रभावित लोगों का पुनर्वास करना है, ताकि इस तरह की पहलों के माध्यम से उन्हें सुरक्षित रोजगार के अवसरों में बदलना सुनिश्चित हो सके।" कोल इंडिया की सीएसआर पहल तकनीकी और सामाजिक परिवर्तन दोनों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करती है, जो मैनुअल स्कैवेंजरों के पुनर्वास में योगदान देती है।

गुजरात के इस उदाहरण के साथ, रोबोट लगाने का यह कदम, मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य में योगदान देने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह केवल किसी तकनीक को पेश करने के बारे में नहीं है - यह हाशिए पर पड़े श्रमिकों के पुनर्वास और इसमें शामिल सभी लोगों के लिए एक सुरक्षित, अधिक सम्मानजनक भविष्य सुनिश्चित करने के बारे में है।

वर्तमान में, गुजरात के 31 शहरों में से केवल 7 ने पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत के पहले चरण के हिस्से के रूप में बैंडिकूट रोबोट को अपनाया है। शेष 24 शहरों, जो लगभग 4,162 किलोमीटर के सीवेज नेटवर्क को कवर करते हैं, ने अभी तक इस तकनीक को नहीं अपनाया है। जबकि गुजरात को मैनुअल-स्कैवेंजिंग रहित राज्य बनाने की यात्रा अभी भी लंबी है। रोबोट का लगाया जाना, उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ मैनहोल को साफ करने के लिए डिज़ाइन किया गया बैंडिकूट रोबोट पहले से ही एक प्रभावी समाधान साबित हुआ है। ठीक तरह से सफाई के लिए घूमने वाली रोबोटिक भुजा, खतरनाक गैसों का पता लगाने के लिए विषैला गैस सेंसर, संचालन की निगरानी के लिए हाई-डेफिनिशन कैमरे और बढ़ी हुई स्थिरता और पहुंच के लिए फैलाए जा सकने वाले पैर जैसी विशेषताओं के साथ, बैंडिकूट मैनहोल की सफाई में सुरक्षा और परिचालन दक्षता दोनों सुनिश्चित करता है। 19 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में, 200 से अधिक बैंडिकूट रोबोट तैनात किए गए हैं, जिनमें 3,000 से अधिक सफाई कर्मचारियों को कुशल रोबोट ऑपरेटर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जो देश भर में शहरी स्वच्छता को आधुनिक बनाने में मदद कर रहे हैं।

जेनरोबोटिक्स के निदेशक अरुण जॉर्ज ने कहा, "हमने भारत में मैनुअल स्कैवेंजिंग को खत्म करने और सफाई कर्मचारियों को बेहतर, अधिक सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए बैंडिकूट रोबोट विकसित किया है। हमें यह देखकर बेहद खुशी हो रही है कि हमारी तकनीक यूएलबी को यह हासिल करने में सक्षम बना रही है। हमारे नवाचार के माध्यम से हमारे देश के मैनुअल-स्कैवेंजिंग रहित देश बनने के दृष्टिकोण में योगदान देना हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है।"

जेनरोबोटिक्स को अपने सामाजिक नवाचार के लिए अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, बैंडिकूट रोबोटिक स्कैवेंजर के लिए स्वच्छता स्टार्टअप पुरस्कार, ‘मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करने के लिए अभिनव समाधान’ के लिए अमृत टेक चैलेंज पुरस्कार और ‘उच्च सामाजिक प्रभाव वाले नवाचार’ के लिए बीआईआरएसी इनोवेटर पुरस्कार शामिल हैं। ये पुरस्कार मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करने और देश भर में सार्वजनिक स्वच्छता में सुधार करने के लिए जेनरोबोटिक्स के निरंतर प्रयासों को दर्शाते हैं।

 

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