गोरखपुर शहर में केरल स्थित जेनरोबोटिक्स का मैनहोल-क्लीनिंग रोबोट का इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने गांधी जयंती के दिन अपने गृहनगर में बैंडिकूट लॉन्च किया
New Delhi / October 4, 2024
नई दिल्ली, 04 अक्टूबर: हाथ से मैला ढोने की प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर निगम ने गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर को केरल स्थित जेनरोबोटिक इनोवेशन द्वारा विकसित मैनहोल-क्लीनिंग रोबोट ‘बैंडिकूट’ का प्रयोग शुरू किया।
अपने गृहनगर में बैंडिकूट के प्रयोग को आरंभ करते हुए, यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार सदियों पुरानी सामाजिक रूप से अपमानजनक इस प्रथा को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री आदित्यनाथ ने कहा कि रोबोट तकनीक का इस्तेमाल अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाकर सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य और सम्मान की रक्षा करने के सरकार के दृढ़ संकल्प का हिस्सा है।
एक अधिकारी के अनुसार, गोरखपुर नगर निगम में बैंडिकूट की शुरूआत, मैनहोल की सफाई के लिए रोबोटिक समाधानों का उपयोग करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से मैला ढोना) को खत्म करने के राष्ट्रीय मिशन के अनुरूप है, जिसे 2013 के मैनुअल स्कैवेंजिंग अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम सार्वजनिक कल्याण के लिए खतरनाक प्रथाओं को उन्नत तकनीक के साथ बदलने के लिए शहर के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ, मेरठ और प्रयागराज जैसे शहरों में पहले से ही काम कर रहे 11 बैंडिकूट रोबोटों द्वारा प्रदान की गई उच्चस्तरीय सेवाओं और सुचारू रूप से चलने वाले काम के कारण, सरकार अब पूरे राज्य में इस तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। अधिकारी ने कहा कि यह समस्या को सुलझाने वाला दृष्टिकोण शहरी स्वच्छता में सुधार और राज्य भर में सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता कंपनी जेनरोबोटिक्स द्वारा विकसित, बैंडिकूट रोबोट दुनिया का पहला रोबोटिक स्कैवेंजर है जिसे मैनहोल की सफाई के लिए एक क्रांतिकारी उपकरण के रूप में मान्यता दी गई है। इसे अब तक 19 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में इस्तेमाल किया जा चुका है, जो लेह के बर्फीले विस्तार और राजस्थान के रेत के टीलों सहित विविध वातावरणों में इसकी प्रभावशीलता और विश्वसनीयता को प्रदर्शित करता है।
2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किए गए इस बैंडिकूट रोबोट को एक मैनहोल में उतारा जाता है, जहां इसका 180-डिग्री रोबोटिक हाथ सीवेज (मल) को हटाता है।
इसमें स्पष्ट दृश्यता के लिए 4 हाई-डेफिनिशन कैमरे, ऑपरेटर की सुरक्षा के लिए जहरीली गैस सेंसर और मैनहोल के अंदर सुचारू रूप से संचालित होने के लिए रोबोटिक पैर हैं। अपनी उन्नत क्षमताओं की वजह से बैंडिकूट शहरी स्वच्छता के लिए किसी अमूल्य संपत्ति से कम नहीं है। यह मैनहोल जैसे खतरनाक वातावरण में मानव प्रवेश की आवश्यकता को समाप्त कर सफाई कर्मचारियों के लिए सुरक्षित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है।
स्वच्छता और सुरक्षा में अपने अभूतपूर्व योगदान के लिए, जेनरोबोटिक्स को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं, जिनमें राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, अमृत पुरस्कार, स्वच्छता स्टार्टअप चैलेंज और बीआईआरएसी (BIRAC) अवार्ड शामिल हैं।
कंपनी के संस्थापकों ने प्रतिष्ठित फोर्ब्स 30 अंडर-30 एशिया सूची में भी स्थान प्राप्त किया है, जो नवाचार और सामाजिक प्रभाव के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
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