पूनम भटनागर काड्रीमस्केप चित्रकारों और छात्रों को समान रूप से रोमांचित करते हैं

New Delhi / April 18, 2024

नई दिल्ली, 18 अप्रैल: पूनम भटनागर की पहली एकल कला प्रदर्शनी 'बिटवीन ड्रीम्स', जो मकड़ी के जाल से प्रेरित कैनवस पर ऐक्रेलिक से बनी 24कृतियों का मिश्रण है, में चित्रकारों, कला प्रेमियों और छात्रों और प्रमुख कला संस्थानों की फैकल्टी सहित आगंतुकों को लगातार आते और ब्रश के साथ पूनम की रचनात्मक प्रतिभा के लिए प्रशंसा को देखा गया।

जाने-माने फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली ने 12 अप्रैल को राष्ट्रीय राजधानी में बीकानेर हाउस में कलमकार गैलरी में इस छह दिवसीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था।

प्रसिद्ध कला इतिहासकार और क्यूरेटर उमा नायर, जिन्होंने माशा आर्ट गैलरी द्वारा आयोजित प्रदर्शनी को क्यूरेट किया, ने कलाकृति की जटिलताओं और कलाकार की विचार प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए क्यूरेटोरियल वॉक का संचालन किया।

कला समीक्षक, फिल्म निर्देशक और लेखक विनोद भारद्वाज और प्रसिद्ध कलाकार फणीन्द्र नाथ चतुर्वेदी ने अंतिम दिन (बुधवार) प्रदर्शनी में वक्त गुजारा और कलाकृतियों की सराहना की।

आगंतुकों में दो प्रतिष्ठित संस्थानों—दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट और जामिया मिलिया इस्लामिया फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के छात्र और शिक्षक शामिल थे।

अपने रहस्यात्मक प्रभाव के साथ आकर्षित करने वाली'मिथोस' सीरीज से लेकर, मंत्रमुग्ध करने वाली 'वृक्ष' सीरीज और 'सिटीस्केप्स' की स्थापत्य बारीकियों से लेकर मोनोक्रोम में पुरानी यादों से भरे फिल्मी सितारों तक—प्रत्येक सीरीज ने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भारद्वाज ने पूनम की 'मिथोस' सीरीज की रहस्य पैदा करने वाली तकनीक की प्रशंसा की।

कलाकार चतुर्वेदी के लिए, विषयगत विभाजनों में विविधता के कारण प्रदर्शनी में संतुलन और गहराई की अपनी ही तरह की एक भावना थी। उन्होंने 'मिथोस' और 'सिटीस्केप' सीरीज

के बारे में कहा, ''माया या रहस्य प्रभाव की उनकी तकनीक बेहद आकर्षक है और हर कोई ऐसे और काम देखना चाहेगा।''

बुधवार को, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट के 40 छात्रफैकल्टी के दो सदस्यों के साथ प्रदर्शिनी देखने आए और उमा नायर को एक कलाकार के विकास में मौलिकता के महत्व के साथ-साथ रचनात्मक स्पष्टता को कुशलता व विविधता के साथ संभालने संचालन के बारे में बोलते हुए सुनने में एक घंटा बिताया।

नायर ने पूनम के 'सिटीस्केप्स'से बनाने के बाद आए परिवर्तन को रेखांकित करते हुए'मिथोस' और 'वृक्ष' सीरीज को बनाने के साथ-साथ चार महान अभिनेत्रियों मीना कुमारी, मधुबाला, सुचित्रा सेन और माधबी मुखर्जी के चित्रों में अतीत में वापस जाने की कला की ओर भी इशारा किया।

एक प्रशिक्षित टेक्सटाइल डिजाइनर, पूनम भटनागर ने अपने कैनवस की तकनीक और उन पर चित्र बनाने तथा रंगों के साथ-साथ रूपरेखा के बारे में अपने विचार सबके सामने रखे।  उन्होंने बताया कि कैसे वह अपनी रहस्य या माया प्रदर्शित करने वाली तकनीक के लिए एक ग्रिड बनाती है और फिर उन टैक्सचर को भरने में घंटों बिताती हैं, जो करीब से देखने पर एक कपड़े के टैक्सचर की तरह और दूर से एक ऑप्टिकल भ्रम की तरह दिखाई देती हैं।

उन्होंने कहा,“मेराकाम मेरे अपने अनुभवों और यात्रा के प्रति मेरे प्यार से पैदा हुआ है। मैं विभिन्न स्थानों की यात्रा करती हूं, बहुत सारी फोटो खींचती हूं और वापस आकर तय करती हूं कि मैं वास्तुकला और परिदृश्य और लोगों की छवियों का मिश्रण कैनवस पर उतारना चाहती हूं। मुझे बड़े कैनवस बनाना पसंद है, क्योंकि इससे मुझे अन्वेषण करने के लिए चौड़ाई और गहराई मिलती है।” पूनम पिछले 15 वर्षों से पेंटिंग कर रही हैं,और पोर्ट्रेट से लेकर अमूर्त, सिटीस्केप से लेकर लैंडस्केप बनाती हैं।

बीकानेर हाउस की कार्यक्रम निदेशक पियाली दासगुप्ता और उप आवासीय आयुक्त रिंकू मीना ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उनमें से प्रत्येक को कैटलॉग की एक प्रति उपहार में दी गई।

रिंकू मीना ने कहा, "हमारे लिए सबसे अच्छी बात है संस्थानों से छात्रों का आना और उन्हें एक शैक्षिक सत्र में हिस्सा लेने का मौका मिलना।"

प्रदर्शनियों के लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में बीकानेर हाउस की पुष्टि करते हुए, पियाली दासगुप्ता ने कहा, “यह हमें संतुष्टि की एक बड़ी भावना देता है जब प्रदर्शनियों में ऐसे कार्यक्रम होते हैं जिनमें कला महाविद्यालयों के युवा छात्र आते हैं, क्योंकि इस तरह प्रदर्शनी का महत्व बढ़ता है और यह इसे लंबा जीवन काल भी देता है।”

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट की डीन प्रोफेसर बिंदुलिका शर्मा और फैकल्टी सदस्यों और पीएचडी कर रहे छात्रों ने प्रदर्शनी को देखा और क्यूरेटर और कलाकार के साथ एक घंटा बिताया।

प्रोफेसर शर्मा ने कहा: “ऐसे शो में जाना, कलाकार की सरलता और तकनीक के साथ-साथ रचना में उनकी पूर्णता को देखना हमारे लिए सम्मान की बात है। यह हमारे लिए किसी सुकून और संतुष्टि से कम नहीं है।”

उमा नायर ने कहा: "शो का डिज़ाइन प्रदर्शन अंतर्ज्ञान और दिए गए स्थान के भीतर निरंतरता खोजने की भावना के बारे में है।"

नायर ने पिछले साल मुजफ्फर अली और इस साल जनवरी में नंदन पुरकायस्थ का एक शो क्यूरेट किया था। और ये दोनों भी बीकानेर हाउस में हुए थे। “बीकानेर हाउस की सुंदरता इसकी वास्तुकला में और हमें जो कमरे उपलब्ध कराए जाते हैं, उनकी बनावट में है। जब आप किसी शो को क्यूरेट करते हैं तो उस स्थान पर एक रैपअराउंड प्रभाव होता है। जैसे-जैसे हम प्रदर्शन करते हैं, हम बढ़ते हैं और उन संभावनाओं के साथ खेलना सीखते हैं जो भावनात्मक जुड़ाव पैदा करती हैं।''

ब्लैक क्यूब की निदेशक और क्यूरेटर सान्या मलिक ने कहा कि उन्हें प्रदर्शनी अद्भुत लगी।

माशा आर्ट के सीईओ समर्थ माथुर ने कहा कि शो ने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, और उन्हें अपने विशिष्ट विषयगत तत्वों के माध्यम से एक "मंत्रमुग्ध करेन वाली यात्रा पर ले गए।"

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