अगले पांच वर्षों में भारत का सड़क बुनियादी ढांचा संयुक्त राज्य अमरीका को टक्कर देगा: परिवहन मंत्री नितिन गडकरी

Trivandrum / December 20, 2023

तिरुवनंतपुरम, 20 दिसंबर: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी का कहना है कि भारत ने अगले पांच वर्षों में महानगरों में भीड़ और यात्रा के समय व सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के अलावा अपने सड़क बुनियादी ढांचे (रोड इंफ्रास्ट्रक्चर) को संयुक्त राज्य अमरीका  के बराबर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।

पिछले नौ वर्षों से  श्री गडकरी देश की सड़कों को सुरक्षित और स्मार्ट बनाने के लिए मिशन की तरह काम करते रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय ने 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए काम सौंपा है और मौजूदा नीतियों में सुधार करके अनुबंधों को मंजूरी देने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया है। .

श्री गडकरी ने मनोरमा ईयरबुक 2024 में प्रकाशित साक्षात्कार में कहा,“किसी भी ठेकेदार को अनुबंध की मंजूरी के लिए मेरे पास आने की जरूरत नहीं है। हम निर्णय लेने में पारदर्शी, समयबद्ध, परिणामोन्मुखी और गुणवत्ता के प्रति जागरूक और तेज हैं। हम मंत्रालय, ठेकेदारों और बैंकरों को परिवार मानते हैं। हम अच्छे काम को प्रोत्साहित करते हैं और यही कारण है कि हमारे पास सात विश्व रिकॉर्ड हैं। यह मंत्रालय की बड़ी उपलब्धि है। मुझे विश्वास है कि पांच वर्षों के बाद, हमारी सड़क अवसंरचना अमरीका के बराबर होगी।"  

इस बात पर ध्यान दिलाते हुए कि वह 'कभी झूठे वादे नहीं करते', मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बुनियादी ढांचे का भविष्योन्मुखी विकास देश की जरूरत है। घरेलू और विदेशी दोनों स्रोतों से पूंजी निवेश प्राप्त करने के लिए भारत को मजबूत बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। इससे न सिर्फ गरीबी दूर होगी, वरन रोजगार भी पैदा करेगा।

वह ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भारत को नंबर एक बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग हाल ही में जापान को पीछे छोड़कर चीन और अमरीका के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। श्री गडकरी ने कहा,  “हमारा उद्योग 7.5 लाख करोड़ रुपये का है और राज्यों और केंद्र सरकार को अधिकतम जीएसटी इसी क्षेत्र से मिलता है। अब तक इस उद्योग से 4.5 करोड़ नौकरियां पैदा हो चुकी हैं। मेरा सपना अगले पांच वर्षों में हमारे ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार दोगुना कर 15 लाख करोड़ रुपये करना है। इसी तरह हम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। हम पहले से ही सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं और लोग भारत के साथ काम करने में अधिक रुचि रखते हैं।”

श्री गडकरी ने जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक और फ्लेक्स ईंधन वाहनों को पेश करने की भी जोरदार वकालत की, जिनका आयात बिल 16 लाख करोड़ रुपये है। फ्लेक्स इंजन वाले कुछ वाहन अब पेट्रोल के बजाय इथेनॉल द्वारा संचालित हो रहे हैं। इससे ईंधन की औसत लागत 15 रुपये हो जाएगी क्योंकि इथेनॉल की दर केवल 60 रुपये है और इससे बिजली भी पैदा होगी। उन्होंने बताया, ''हम अब इथेनॉल पंप खोल रहे हैं।''

श्री गडकरी ने कहा कि यह भारतीय किसानों को 'ऊर्जा दाता' (ऊर्जा उत्पादक) के रूप में दोगुना ऊर्जा पैदा करने के साथ-साथ 'अन्न दाता' (खाद्य उत्पादक) बनने में भी सशक्त बनाएगा क्योंकि गन्ने और चावल के डंठल जैसी फसल अवशेषों से इथेनॉल ईंधन का उत्पादन किया जा सकता है। श्री गडकरी ने कहा, “कृषि का ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में विविधीकरण सबसे महत्वपूर्ण नीति है जो हमारे देश, विशेषकर ग्रामीण कृषि और आदिवासी भारत के भविष्य को बदलने जा रही है। स्मार्ट शहरों की तरह, हमारे पास स्मार्ट गांव हो सकते हैं जो हमारे देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और हम नीतिगत बदलाव ला रहे हैं।''

जहां तक सार्वजनिक परिवहन के भविष्य का सवाल है, उन्होंने कहा कि भारत अब रोपवे, केबल कार बना रहा है और बिजली से सार्वजनिक परिवहन चला रहा है। और ज्यादा शहरों में इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने कहा, “पांच साल के भीतर सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बदल जाएगा। यह कम प्रदूषण फैलाने वाला  किफायती विकल्प होगा।''

महानगरों में भीड़ कम करने के लिए 65,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिनमें द्वारका एक्सप्रेसवे (9,000 करोड़ रुपये), छह लेन शहरी विस्तार सड़क (8,000 करोड़ रुपये), ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (12,000 करोड़ रुपये), और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (8,000 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

यात्रा समय को तीव्र सुनिश्चित करने के अपने मंत्रालय के प्रयासों के समर्थन में, उन्होंने मनाली और लाहौल-स्पीति घाटी के बीच रोहतांग दर्रे पर अटल सुरंग का उदाहरण दिया, जिसने यात्रा समय को तीन घंटे से घटाकर आठ मिनट कर दिया है। इसी तरह, कटरा-दिल्ली एक्सप्रेसवे के द्वारा दिल्ली और अमृतसर के बीच चार घंटे, दिल्ली और कटरा (जम्मू-कश्मीर) के बीच छह घंटे और दिल्ली और श्रीनगर के बीच आठ घंटे में यात्रा पूरी करना संभव हो पाएगा। लद्दाख में जोजिला दर्रे पर एशिया की सबसे बड़ी सुरंग पर काम शुरू हो गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि नई सीमा सड़कें बनाई जा रही हैं जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। ऐसी 30 सड़कें हैं जहां हवाई जहाज सुरक्षित रूप से उतर सकते हैं। 670 सड़क किनारे सुविधाएं विकसित करने की योजना है जिसमें हेलीपोर्ट और ड्रोन पोर्ट भी होंगे।

श्री गडकरी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में उद्यमियों और स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा, "हमें उन लोगों का सहयोग करने की जरूरत है जिनके पास उद्यमशीलता और नई तकनीक हैं।"

हालाँकि, मंत्री ने यह स्वीकार किया कि दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने के उनके वादे के वांछित परिणाम नहीं मिले हैं। हर साल पांच लाख दुर्घटनाएं और 1.50 लाख मौतें होती हैं, जिससे जीडीपी को तीन फीसदी का नुकसान होता है।

उन्होंने कहा, यह ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, रोड इंजीनियरिंग और लोगों की जागरूकता से जुड़ी समस्या है। लोग कानून का सम्मान नहीं करते हैं। सड़क सुरक्षा के बारे में लोगों की मानसिकता को बदलना जरूरी है जिसके लिए मीडिया, सामाजिक और शैक्षणिक संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों से हमें मदद चाहिए। इस संबंध में अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार समेत मशहूर हस्तियों से मदद ली जा रही है।” 

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