मूर्तिकला व्यापक सार्वजनिक सराहना की पात्र है: डॉ. करण सिंह

New Delhi / December 11, 2023

नई दिल्ली, 11 दिसंबर: प्रसिद्ध कवि-दार्शनिक डॉ. करण सिंह के अनुसार, वर्तमान समय में देश की मूर्तिकला और वास्तुकला जैसी समृद्ध विरासत को  व्यापक रूप से सराहना मिल सके, इसके लिए आवश्यक है कि सरकार द्वारा सुदृढ़ प्रयास किए जाएं।

“जब बात मूर्तियों की आती है तो हम यकीन से कह सकते हैं कि हमारे पास एक भव्य विरासत है। समसामयिक संवेदनाएं उन्हें नए रूप प्रदान करती रहती हैं। हम चाहते हैं कि हमारे कार्यों को अधिक से अधिक लोग देखें और सराहें,'' प्रतिष्ठित विद्वान केशव मलिक के शताब्दी वर्ष पर आयोजित एक आर्ट शो में बोलते हुए संस्कृति से गहरा लगाव रखने वाले डॉ. करण सिंह ने कहा।

मूर्तिकला और उसके उत्साही अनुयायियों को बढ़ावा देने वाली एक प्रशासनिक प्रणाली की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि सौंदर्यशास्त्री भी अकसर आधुनिक कला के बारे में एक "अस्पष्ट धारणा" रखते हैं। “यह मिटनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को मूर्तियां देखनी चाहिए; और उन्हें खरीदना भी चाहिए,'' उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में चल रही 'आईस्कल्प्ट’ नामक प्रदर्शनी का कैटेलॉग का विमोचन करते हुए कहा।

इंडियन इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) के सहयोग से दिल्ली आर्ट सोसाइटी (डीएसी) द्वारा आयोजित 7 से 21 दिसंबर तक चलने वाले इस शो में आधा दर्जन आधुनिक मूर्ति शिल्पकारों की उत्कृष्ट कृतियां प्रदर्शित हैं। आर्ट हिस्टोरियन उमा नायर द्वारा आयोजित, 15 दिनों तक आईआईसी परिसर में चलने वाला यह शो मलिक के 100वें वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। केशव मलिक जो साहित्यिक साप्ताहिक ‘थॉट’ के संपादक थे, ने प्रमुख समाचार पत्रों में नियमित रूप से योगदान दिया। इसके साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय आधुनिक कला गैलरी और समान रूप से प्रतिष्ठित ललित कला अकादमी में भी काम किया।

डॉ. सिंह ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि मूर्तिकला एक "कठिन कला" है, कहा कि चल रही प्रदर्शनी में न केवल इस क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न शैलियों और माध्यमों, बल्कि देश भर में इसके प्रतिपादकों का भी प्रतिनिधित्व करने का ध्यान रखा गया है। उन्होंने मलिक (1924-2014) के साथ अपने करीबी संबंधों को याद करते हुए कहा, "आधुनिक मूर्तिकला को समग्र दृष्टिकोण देना और इसके बावजूद कुछ उच्च बिंदुओं पर भी ध्यान केंद्रित करना चुनौतीपूर्ण है। यह शो उस महान व्यक्ति को अपनी श्रद्धांजलि देने में सफल रहा है।"

60 पेज का कैटलॉग एक डीएएस प्रकाशन है, जिसे डिजाइनर मुकेश मिश्रा ने दिल्ली निवासी उमा नायर के साथ मिलकर तैयार किया है। समृद्ध सामग्री वाला यह बहुरंगी कैटलॉग 108artprojects.com के तरुण खन्ना द्वारा प्रायोजित है।

क्यूरेटर उमा ने डॉ. सिंह की सराहना "अतीत की प्रबुद्ध आवाज" के रूप में  करते हुए कहा कि उनके शो में युवा मनोज अरोड़ा द्वारा नौ-मोनोक्रोम सेट के अलावा स्थापित और उभरते दोनों मूर्तिकार शामिल हैं। कुल मिलाकर, 'आईस्कल्प्ट’ (iSculpt) मूर्तिकला और फोटोग्राफी पर अधिक प्रकाश डालता है— ये दोनों ही क्षेत्र मलिक को पसंद थे, लेकिन उन्हें उनसे जुड़े क्षेत्रों से उचित स्वीकृति व पहचान नहीं मिली।

मूर्तिकार नीरज गुप्ता, जो डीएएस के अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना मलिक ने 2005 में की थी, ने देश में सार्वजनिक कला के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हमारे पास पेंटिंग के साथ-साथ मूर्तिकला को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त संगठन और गैलरी हैं, फिर भी सार्वजनिक स्थानों पर कला को बड़े पैमाने पर नजरअंदाज किया जाता है। हम इस मोर्चे पर सुधार की दिशा में काम कर रहे हैं।"

विमोचन से पहले, उमा, नीरज के साथ, डॉ. सिंह को पूल-साइड गांधी किंग प्लाजा में मुख्य कार्यक्रम स्थल पर क्यूरेटोरियल वॉक पर ले गईं। सप्ताहांत समारोह में शो के कुछ मूर्तिकारों ने भी भाग लिया।

आईस्कल्प्ट के कलाकारों में जाने-माने मूर्तिकारों में नीरज के अलावा अमर नाथ सहगल, सतीश गुप्ता और हिम्मत शाह शामिल हैं। जबकि महिलाओं में सोनिया सरीन और स्वर्गीय रिनी धूमल की कलाकृतियां प्रदर्शित हैं। इन कलाकृतियों के माध्यम लकड़ी, पत्थर, धातु और टेराकोटा हैं। अन्य कलाकार हैं जी रेघू, अरुण पंडित, बिमान दास, धनंजय सिंह, हर्षा दुरुगड्डा, एस.डी. हरिप्रसाद, प्रमोद मान, राजेश राम, निमेश पिल्ला, फणीन्द्र नाथ चतुर्वेदी, मुजफ्फर अली, एन.एस. राणा, अंकोन मित्रा, विपुल कुमार, सतीश गुजराल, राम कुमार मन्ना और भोला कुमार।

यह कार्यक्रम 7 दिसंबर को शुरू हुआ जब संगीत नाटक अकादमी की पूर्व सचिव उषा मलिक ने दीप प्रज्वलित कर इसका आरंभ किया। कार्यक्रम का उद्घाटन स्किन स्पेशलिस्ट-कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सिमल सोइन और फैशन डिजाइनर रितु बेरी ने किया। भरतनाट्यम प्रतिपादक गीता चंद्रन के प्रेरक नृत्य ने शाम को जीवंत बना दिया।

आईस्कल्प्ट के लिए प्रवेश निःशुल्क है, जो सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहेगा। रविवार को भी यह खुला रहेगा।

 

 

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