कथक में संपूर्ण गीत गोविंद का अग्रणी डिजिटल संकलन
New Delhi / August 28, 2023
नई दिल्ली, 28 अगस्त: संपूर्ण गीत गोविंद की कोरियोग्राफ की गई प्रस्तुति ने देश के शास्त्रीय नृत्य को समृद्ध व नया आयाम दिया है। नाट्यसूत्र और कथक गुरु डॉ. पाली चंद्रा और उनकी टीम ने 12वीं शताब्दी की संस्कृत कविता का एक डिजिटल संस्करण निकाला है जो राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम का जश्न मनाती है।
भारत के जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत ने औपचारिक रूप से नए युग की कलात्मक रचना का शुभारंभ किया। इसमें जयदेव की 24-प्रबंध कृति के पूर्ण पाठ का कथक-शैली चित्रण शामिल है। इसके साथ, 'गीत गोविंद: द इटरनल स्टोरी ऑफ केली विरह एंड कैवल्य' (केली, विरह और कैवल्य की शाश्वत कहानी) नर्तक, नर्तकियों, छात्रों और संस्कृति प्रेमियों के लाभ के लिए दुनिया भर में वितरण के लिए http://www.natyasutraonline.com पर उपलब्ध है।
कार्यक्रम, जिसकी एक से पांच साल तक की विभिन्न अवधि के लिए सदस्यता ली जा सकती है, अग्रणी सामग्री डेवलपर इनविस मल्टीमीडिया की विरासत-संरक्षित प्रमुख परियोजना, नाट्यसूत्र द्वारा निर्मित किया गया है। 1000 दिनों में 200 सदस्यों की टीम द्वारा किया गया प्रस्तुतिकरण अभ्यास डॉ. चंद्रा और उनकी शिष्यों द्वारा उनके गुरुकुल में किया गया, जिसकी भारत और विदेश में शाखाएं हैं।
श्री कांत ने राष्ट्रीय राजधानी में समारोह का उद्घाटन करते हुए, सांस्कृतिक क्षेत्रों में वैश्विक अपील के लिए इसकी संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए, इस प्रस्तुति में समाहित "अत्यधिक रचनात्मकता" की सराहना की। रविवार को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक समारोह में उन्होंने कहा, "जिन गीतों पर नृत्य किया गया, उसको अंग्रेजी में भी उपशीर्षक (सबटाइटल) करने की वजह से इस प्रस्तुति को दुनिया भर में दिखाया जाना भी संभव है।”
इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि दृश्यों को केरल के मियावाकी जंगलों के एक भूखंड में आउटडोर शूट किया गया था, श्री कांत ने विरासत को सुरक्षित रखने के लिए अपने "अनूठे योगदान" के लिए स्विट्जरलैंड में रहने वाली डॉ. चंद्रा की "दूरदर्शिता और मिशन" की सराहना की। उनका मानना है कि इससे "बड़े पैमाने पर सभ्यतागत मूल्यों पर प्रभाव" पड़ेगा। उन्होंने कहा, प्रसिद्ध विक्रम सिंघे और कपिला राज की अग्रणी शिष्य के रूप में उनके द्वारा किया यह प्रयास, भारत की संस्कृति की अंतरमहाद्वीपीय अपील को जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।