जापान ने भारत के ब्लैक टाइगर श्रिम्प के निरीक्षण को खत्म किया

कोच्चि / December 9, 2020

कोविड-19 महामारी के दौरान व्यापार में परेशानी झेलने वाले लडखडाते सीफूड निर्यातकों को भारी राहत देते हुए, जापान ने सिंथेटिक एंटी-बैक्टीरियल दवा फ्यूराज़ोलिडोन अवशेष पूरी तरह से मुक्त पाए गए स्वादिष्ट झींगा किस्मों की निर्यात खेप के बाद भारतीय ब्लैक टाइगर श्रिम्प के निरीक्षण को पूरी तरह से हटा दिया है ।  

इस संबंध में इस निर्णय के बारे में जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय (एमएचएलडब्ल्यु) के खाद्य निरीक्षण और सुरक्षा प्रभाग द्वारा जापान में भारतीय दूतावास, समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) और भारतीय निर्यात निरीक्षण परिषद को जानकारी दी गयी।

एमएचएलडब्ल्यु ने पहले इस साल 25 मार्च को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से ब्लैक टाइगर श्रिम्प (पेनेस मोनोडॉन) के लिए आयात निरीक्षण नमूना आवृत्ति को 100  प्रतिशत से 30 प्रतिशत कम कर दिया था। चूंकि भारत में पैदा की जाने वाली ब्लैक टाइगर श्रिम्प के निर्यात की खेप में फ्यूराज़ोलिडोन नहीं पाई गयी थी, इसलिए जापान ने अपने खाद्य स्वच्छता अधिनियम की धारा 3 के अनुच्छेद 26 के अनुसार आयात नमूना आवृत्ति के निरीक्षण में पूर्ण छूट प्रदान करने का निर्णय लिया।

एमएचएलडब्ल्यू ने 1 दिसंबर के अपने पत्र के माध्यम से यह भी बताया कि क्वारंटाइन स्टेशन के प्रमुखों को सूचित किया गया था कि फ्यूराज़ोलिडोन से संबंधित निरीक्षण आदेश भारत में पैदा किये जाने वाले ब्लैक टाइगर श्रिम्प पर से पूरी तरह से हटा लिया गया है, और ये मद केवल नियमित आंतरिक निगरानी  योजना के अधीन होगा, जो जापान में वितरित सभी खाद्य पदार्थों के लिए अनिवार्य है।

दो सदस्यीय विशेषज्ञ दल ने ब्लैक टाइगर श्रिम्प हैचरियों, फार्मों और प्रसंस्करण इकाइयों का सर्वेक्षण किया जिन्होंने प्रारंभिक आदेश से पहले 2-6 मार्च 2020 के दौरान इस किस्म का निर्यात किया था ।

आदेश का स्वागत करते हुए, एमपीईडीए के अध्यक्ष श्री के एस श्रीनिवास ने कहा कि यह उन भारतीय समुद्री खाद्य निर्यातकों के मनोबल को बढ़ाएगा, जो कोविड ​​-19 महामारी की वजह से व्यापार और लॉजिस्टिक के विभिन्न मुद्दों से जूझ रहे हैं, जिसने विदेशों के  समुद्री खाद्य बाजारों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है ।

उन्होंने कहा, “एपीईडीए विभिन्न मंचों पर एंटीबायोटिक अवशेषों के लिए आयात निरीक्षण से ब्लैक टाइगर श्रिम्प को छूट देने का अनुरोध करता आ रहा है । अब जापानी अधिकारियों के इस निर्णय से विशेषकर पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में  ब्लैक टाइगर श्रिम्प की फार्मिंग और निर्यात में और वृद्धि होगी।”

श्री श्रीनिवास ने यह भी बताया कि कोच्चि के वल्लारपाडम में एमपीईडीए का नया मल्टीस्पिशीस एक्वाकल्चर कॉम्प्लेक्स (एमएसी) किसानों को अपने बेहतरीन बीजों की आपूर्ति करके ब्लैक टाइगर श्रिम्प के उत्पादन को पुनर्जीवित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, जो इससे काफी संतुष्ट हैं क्योंकि यह क्षेत्र स्तर पर बेहतर वृद्धि और उत्तरजीविता को दर्शाता है।

ब्लैक टाइगर श्रिम्प, जिसे आमतौर पर विशालकाय टाइगर झींगा या एशियाई टाइगर श्रिम्प के रूप में जाना जाता है, दुनिया भर में लोकप्रिय समुद्री भोजन है और यह भारत के समुद्री उत्पादों के निर्यात का एक प्रमुख उत्पाद है। जापान भारत के ब्लैक टाइगर श्रिम्प निर्यात का लगभग 40 प्रतिशत उपभोग करता है, जबकि यह यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के आला बाजारों का भी पसंदीदा  है।

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